SSY Vs SIP: आपकी बेटी के फ्यूचर के लिए होगा बेस्ट, सुकन्या समृद्धि योजना या एसआईपी? जानें पूरी डिटेल्स

SSY Vs SIP: जो निवेशक जोखिम से बचना चाहते हैं और बेटी के लिए गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना एक सुरक्षित विकल्प है. वहीं, निवेशक लंबे समय तक निवेश करने और बेहतर रिटर्न की संभावना के लिए तैयार हैं, तो एसआईपी आपके लिए बेहतर हो सकता है.

SSY Vs SIP
बेटी का भविष्य संवारने के लिए एसआईपी और सुकन्या समृद्धि योजना में से कौन बेहतर होगी.

SSY Vs SIP: बेटी के भविष्य के लिए वित्तीय योजना बनाना हर माता-पिता की प्राथमिकता होती है. इसमें दो प्रमुख निवेश विकल्प सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) सबसे अधिक चर्चा में रहते हैं. इन दोनों योजनाओं के अपने फायदे और सीमाएं हैं. आइए इनकी तुलना करें और जानें कि आपकी बेटी के भविष्य के लिए कौन सा

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना सरकार की ओर से शुरू की गई एक बचत योजना है. यह विशेष रूप से बेटियों का भविष्य संवारने के लिए डिजाइन की गई है.

सुकन्या समृद्धि योजना की खासियत

  • ब्याज दर: वर्तमान में SSY पर लगभग 8% वार्षिक ब्याज मिलता है, जो अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक है.
  • कर लाभ: इसमें निवेश और मैच्योरिटी राशि, दोनों ही पूरी तरह से टैक्स-फ्री हैं.
  • निवेश सीमा: न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष निवेश किया जा सकता है.
  • लॉक-इन पीरियड: खाता बेटी के 21 साल की उम्र में मैच्योर होता है, हालांकि शादी के समय आंशिक निकासी की अनुमति है.

सुकन्या समृद्धि योजना के फायदे

  • गैर-जोखिमभरा निवेश: यह पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाली योजना है.
  • लंबी अवधि की योजना: यह बेटी की उच्च शिक्षा या शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद करती है.

सुकन्या समृद्धि योजना की सीमाएं

  • लिक्विडिटी की कमी: जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी की सीमित अनुमति है.
  • कम रिटर्न की संभावना: जब लंबी अवधि में महंगाई दर अधिक होती है, तो इसका रिटर्न SIP से कम हो सकता है.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)

SIP एक ऐसा तरीका है, जिसमें म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि निवेश की जाती है.

SIP की मुख्य विशेषताएं

  • रिटर्न की संभावना: ऐतिहासिक रूप से म्यूचुअल फंड ने 12-15% तक का वार्षिक रिटर्न दिया है.
  • लचीलापन: निवेश की राशि और अवधि तय करना निवेशक के हाथ में है.
  • लिक्विडिटी: SIP में निवेश को जरूरत पड़ने पर कभी भी भुनाया जा सकता है.

SIP के फायदे

  • महंगाई को मात देने की क्षमता: SIP दीर्घकालिक निवेश में महंगाई से ऊपर रिटर्न देने की संभावना रखता है.
  • लचीलापन: इसमें आप अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के अनुसार निवेश बढ़ा या घटा सकते हैं.

SIP की सीमाएं

  • बाजार जोखिम: रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है.
  • कोई गारंटी नहीं: इसमें फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी नहीं होती.
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