
भारत में नई GST व्यवस्था: आपके लिए क्या मायने रखती है?
1. क्या हुआ—GST स्लैब्स का सरलीकरण
- हाल ही में हुए GST काउंसिल की बैठक (3–4 सितंबर 2025) में यह निर्णय लिया गया कि वर्तमान चार GST स्लैब्स (5%, 12%, 18%, 28%) को सिर्फ दो मुख्य स्लैब्स—5% और 18% में बदल दिया जाए। The Economic TimesThe Times of IndiaReuters
- बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। The Times of IndiaThe Economic Times+1India TodayThe Economic Times
2. कौन-कौन से श्रेणियाँ प्रभावित होंगी?
- 12% स्लैब में ज़्यादातर दिन-प्रतिदिन के उपयोग के सामान (जैसे दूध पाउडर, चॉकलेट, नूडल्स, दवाएं) अब 5% पर आएँगे। IndiatimesIndia TodayThe Economic Times
- 28% स्लैब की बहुत सी वस्तुएँ, जैसे AC, टीवी, सोलर्स, छोटे कारें–मोटरसाइकिलें, अब 18% स्लैब में आएँगी। IndiatimesReutersIndia TodayThe Economic Times
3. “Sin” और “Luxury” वस्तुओं पर विशेष कर
- तम्बाकू, पान मसाला, एयरटेड ड्रिंक और कुछ लक्ज़री वस्तुओं पर पेनल्टी GST 40% निर्धारित की गई है। The Economic Times+1Reuters
4. नई GST के पीछे की वजह – “GST 2.0”
- इस परिवर्तन से कर प्रणाली में सादगी, बेहतर अनुपालन और आम जनता पर कर बोझ में कमी आएगी। Financial TimesThe Economic Times
- अंततः उपभोग बढ़ाने, उद्योगों को प्रोत्साहन देने, और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। Financial TimesReuters+1
- परिणामस्वरूप राजस्व में कमी हो सकती है—कुछ विश्लेषण यह बताते हैं कि GDP का लगभग 0.4% ($16 बिलियन) तक हो सकता है। Financial TimesReuters
- कई राज्यों ने राजस्व हानि के लिए मुआवजे की मांग की है—विशेषकर केरल जैसे राज्य। Financial Times
सारांश तालिका (संक्षिप्त रूप में):
पहलू | विवरण |
---|---|
नया GST ढांचा | केवल दो स्लैब: 5% और 18%, साथ में 40% विशेष स्लैब |
लागू तिथि | 22 सितंबर 2025 से |
उद्देश्य | सरलता, सस्ता उपभोग, उत्पादन में वृद्धि, बेहतर अर्थव्यवस्था |
चुनौतियाँ | राजस्व हानि, राज्यों को वित्तीय दबाव, विशेष वस्तुओं की महंगी दर |